- “शांति आपके अंदर ही है। इसे बाहर खोजने की कोई आवश्यकता नहीं है।” – बुद्ध
- “आपकी मन से ही सब कुछ आता है। जो आप सोचते हैं, वही आप बन जाते हैं।” – बुद्ध
- “मन ही सब कुछ है। आप जैसा सोचते हैं, वैसे ही बन जाते हैं।” – बुद्ध
- “मन ही सब कुछ है। आप जो काम करते हैं, वही आप होते हैं।” – बुद्ध
- “सच्चा विफलता जीवन में नहीं जो कुछ आपने जाना है, वही नहीं जो आपने जाना है, यह नहीं कर पाना है जो आपने जाना है।” – बुद्ध
- “मन में आपकी ध्यान रखना जरूरी है। यही वो जगह है जहां सब कुछ आपका होता है।” – बुद्ध
- “घृणा नहीं घृणा से नहीं रूप से स्नेह से बदलता है, यह योग्यावद्ध नियम है।” – बुद्ध
- “आपको अपनी खुद की छवि को कभी नहीं टूटने देना चाहिए।” – बुद्ध
- “मनुष्य के भीतर कुछ भी निश्चित नहीं है, जो सबसे अच्छा होगा।” – बुद्ध
- “मन से सब कुछ आता है। आप जो सोचते हैं, वही आप बन जाते हैं।” – बुद्ध